मध्य प्रदेश में साइबर तहसील की शुरुआत: प्रशासनिक कार्यों में नई क्रांति
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "साइबर तहसील" के नए पदों की स्वीकृति प्रदान की है। यह कदम राज्य की तहसीलों में कामकाज को और अधिक सरल और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पहल की घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि साइबर तहसील परियोजना के लिए आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति के लिए मंजूरी मिल चुकी है।
इस परियोजना के तहत राज्य में तहसीलदार वर्ग के जिलों के लिए 619 पदों में से 10 पद तहसीलदार के लिए, 55 पदों में से 15 पद एवं 3 सहायक वर्ग-3 के पद आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, महत्वपूर्ण राजस्व आयुक्त कार्यालय में साइबर तहसील के लिए दो अन्य भूमिकाओं को आउटसोर्स किया जाएगा।
इस पहल से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी सरकारी सेवाओं की पहुंच आसान होगी। साइबर तहसील के माध्यम से राज्य सरकार आधुनिक तकनीक का उपयोग कर लोगों को सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में लगने वाला समय और श्रम दोनों की बचत होगी।
साइबर तहसील के लाभ:
- प्रभावी प्रशासनिक नियंत्रण: नए पदों की नियुक्ति से तहसील स्तर पर प्रशासनिक नियंत्रण में वृद्धि होगी।
- आउटसोर्सिंग की सुविधा: भूमिकाओं को आउटसोर्स करने से विशेषज्ञता और तकनीकी दक्षता का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।
- प्रणाली में पारदर्शिता: साइबर तहसील प्रणाली से सभी कार्य डिजिटल रूप से हो सकेंगे, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
निष्कर्ष: मध्य प्रदेश में साइबर तहसील की पहल राज्य सरकार का एक अभिनव कदम है जो न केवल प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाएगा बल्कि डिजिटल युग में सरकारी सेवाओं की पहुंच को भी अधिक व्यापक और प्रभावी बनाएगा।