विक्रम विश्वविद्यालय का नया कदम: छात्रों के लिए पुस्तकें और अखबार पढ़ना अनिवार्य

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विक्रम विश्वविद्यालय का नया कदम: छात्रों के लिए पुस्तकें और अखबार पढ़ना अनिवार्य

विक्रम विश्वविद्यालय ने एक अभिनव कदम उठाते हुए अपने सभी छात्रों के लिए पुस्तकें और अखबार पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय बढ़ती तकनीकी दुनिया में छात्रों को किताबों और अखबारों से जोड़ने और उनके ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?

  •  ज्ञान का विस्तार: पुस्तकें और अखबार पढ़ने से छात्रों का ज्ञान का दायरा बढ़ता है। वे विभिन्न विषयों के बारे में जानते हैं और अपनी सोच को व्यापक बनाते हैं।
  • शब्दावली का विकास: नियमित रूप से पढ़ने से छात्रों की शब्दावली में वृद्धि होती है और वे प्रभावी ढंग से संवाद करने में सक्षम होते हैं।
  • अध्ययन कौशल में सुधार: पुस्तकें पढ़ने से छात्रों की एकाग्रता और धैर्य बढ़ता है, जिससे वे अध्ययन में अधिक कुशल हो जाते हैं।
  • समाज के प्रति जागरूकता: अखबार पढ़ने से छात्रों को समाज में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है और वे समाज के प्रति अधिक जागरूक बनते हैं।
  • मनोरंजन और तनाव मुक्ति: किताबें पढ़ना एक अच्छा मनोरंजन का साधन है और यह तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
  • रचनात्मकता को बढ़ावा: किताबें पढ़ने से छात्रों की कल्पना शक्ति और रचनात्मकता में वृद्धि होती है

नए नियम के प्रमुख बिंदु:

  • अनिवार्य पाठ: सभी छात्रों को प्रतिदिन निश्चित समय के लिए किताबें या अखबार पढ़ना होगा।
  • समीक्षा लेखन: छात्रों को पढ़े गए विषय पर समीक्षा लिखनी होगी।
  • पुरस्कार: बेहतर समीक्षा लिखने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।
  • पाठ्यक्रम में समावेश: विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में पुस्तकें और अखबार पढ़ने को शामिल करेगा।

विश्वविद्यालय का मानना है कि यह कदम छात्रों को एक बेहतर नागरिक बनाने में मदद करेगा और वे भविष्य में अधिक सफल होंगे।

यह कदम शिक्षा जगत में एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।

अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणा:

विक्रम विश्वविद्यालय का यह कदम अन्य विश्वविद्यालयों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। अधिक से अधिक विश्वविद्यालय छात्रों को किताबों और अखबारों से जोड़ने के लिए इस तरह के कदम उठा सकते हैं।

आप क्या सोचते हैं? क्या यह कदम छात्रों के लिए फायदेमंद होगा?

यह भी पढ़ें:

  • विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट
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