विषय: अब डीमैट दस्तावेज... 15 अगस्त से बिना रजिस्ट्रार दफ्तर गए होगी रजिस्ट्री
भोपाल, 3 अगस्त 2024: मध्य प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की घोषणा की है, जिसके तहत 15 अगस्त 2024 से सभी जिलों में बिना रजिस्ट्रार दफ्तर गए संपत्ति की रजिस्ट्री की जा सकेगी। यह कदम डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
संपदा 2.0 का परिचय
मध्य प्रदेश सरकार ने "संपदा 2.0" के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। ग्वालियर, रतलाम, हरदा, और डिंडोरी में इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता ने राज्य सरकार को यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। संपदा 2.0 के अंतर्गत, रजिस्ट्री के दस्तावेज अब डीमैट दस्तावेजों में परिवर्तित हो जाएंगे, जिससे फाइलों का ढेर नहीं लगेगा और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज होगी।
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंत्रालय में रजिस्ट्री विभाग से संबंधित समीक्षा के दौरान बताया कि अब भौतिक दस्तावेजों को डिजिटल किया जा रहा है। हरदा, डिंडोरी, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, सिंगरौली और बुरहानपुर जिलों में 100% दस्तावेज 2004-05 से डिजिटल किए जा चुके हैं। 2005-06 में लगभग 1.1 करोड़ दस्तावेजों में से 28 लाख को डिजिटल किया जा चुका है।
डिजिटल रजिस्ट्री के फायदे
डिजिटल रजिस्ट्री के कई फायदे हैं:
- पारदर्शिता: डिजिटल दस्तावेजों के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- सुविधा: लोग बिना रजिस्ट्रार दफ्तर गए अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कर सकेंगे, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी।
- सुरक्षा: डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा अधिक होती है और इनके खोने या क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम होती है।
- तेजी: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण यह अधिक तेज और कुशल होगी।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल लोगों को सुविधा होगी, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में भी सुधार होगा। डिजिटल रजिस्ट्री के माध्यम से पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को लाभ मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पहल कितनी सफल होती है और अन्य राज्यों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।